क्रिप्टो जगत पर सख्ती: टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन ठगी पर कार्रवाई तेज
नई दिल्ली — भारत में क्रिप्टो कारोबार को लेकर टैक्स और सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती लगातार बढ़ रही है। हाल ही में आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और स्थानीय पुलिस ने क्रिप्टो से जुड़ी कई बड़ी कार्रवाइयां की हैं, जिनका सीधा असर निवेशकों और कारोबारियों पर पड़ सकता है।
आयकर विभाग की निगरानी में क्रिप्टो ट्रेडर्स
आयकर विभाग ने उन क्रिप्टो ट्रेडर्स पर निशाना साधा है जो ट्रेडिंग बॉट्स का इस्तेमाल कर आर्बिट्राज ट्रेडिंग (एक्सचेंज के बीच कीमतों के अंतर से लाभ कमाना) कर रहे हैं, खासकर USDT (Tether) में लेनदेन के जरिए। विभाग का कहना है कि इन ट्रेडर्स ने अपने वास्तविक लाभ की सही जानकारी टैक्स रिटर्न में दर्ज नहीं की है।
मौजूदा कानून के तहत, किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के ट्रांसफर पर 30% कैपिटल गेन टैक्स लगता है और इसमें किसी भी तरह की कटौती की अनुमति नहीं है। विभाग ने ऐसे कई निवेशकों को नोटिस जारी किए हैं और उनसे अपने लेनदेन का पूरा विवरण देने को कहा है।
ED की ₹260 करोड़ की साइबर फ्रॉड पर छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर में ₹260 करोड़ के एक वैश्विक साइबर फ्रॉड सिंडिकेट से जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच में खुलासा हुआ है कि यह गैंग फर्जी कॉल सेंटर और ऑनलाइन धोखाधड़ी के जरिए पैसे ऐंठता था और फिर इन पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर मनी लॉन्ड्रिंग करता था।
सूत्रों के मुताबिक, इस गिरोह के नेटवर्क का फैलाव न केवल भारत में बल्कि विदेशों तक है, और इसमें कई डिजिटल वॉलेट्स और ऑफशोर एक्सचेंजों का इस्तेमाल किया गया। ED ने इस मामले में कई डिजिटल एसेट्स और दस्तावेज़ ज़ब्त किए हैं।
हैदराबाद में ₹67 लाख की ठगी
हैदराबाद के एक आईटी प्रोफेशनल के साथ फर्जी क्रिप्टो निवेश स्कीम के जरिए ₹67 लाख की ठगी हुई। पीड़ित को सोशल मीडिया के जरिए एक योजना में निवेश करने का लालच दिया गया, जिसमें कम समय में अधिक मुनाफे का वादा किया गया था।
पहले कुछ लेनदेन में मामूली लाभ दिखाकर पीड़ित का भरोसा जीता गया, लेकिन बाद में उसने जैसे ही बड़ी रकम निवेश की, ठगों ने सभी संपर्क तोड़ दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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